सब के बीच
खुद के साथ
मेरे बीचोंबीच
मेरे साथ
एक अहसास
सब से अलग
मुझसे
मेरे साथ
भूलूँ
सबका साथ
ढुढूँ
तेरा साथ
कौशिश
या नया अहसास
सब
तेरे साथ
हम साथ थे
दुनिया से परे थे
हमारी बाते कुछ ओर थी
हमारी दोस्ती कुछ ओर थी
हम मिलते थे
बेवजह
हम बतयाते थे
खामोश
हम दोस्त थे
जरूरत नही
हम साथी थे
कारण नही
हम थे
क्योंकि उत्सुकता थी
हम मिलते थे
क्योंकि खुद को ढुंढते थे
आज मैं नही हूँ
पर दोस्ती आज भी हैं
आज वो बाते नही हैं
पर यादें आज भी हैं
हम साथ हैं ......
हम साथ थे
दुनिया से परे थे
हमारी बाते कुछ ओर थी
हमारी दोस्ती कुछ ओर थी
हम मिलते थे
बेवजह
हम बतयाते थे
खामोश
हम दोस्त थे
जरूरत नही
हम साथी थे
कारण नही
हम थे
क्योंकि उत्सुकता थी
हम मिलते थे
क्योंकि खुद को ढुंढते थे
आज मैं नही हूँ
पर दोस्ती आज भी हैं
आज वो बाते नही हैं
पर यादें आज भी हैं
हम साथ हैं ......