My Blog List

Tuesday 18 December 2018

फटे कपड़े

कुछ उधड़े से
अनबुने
कुछ रिश्तो से
अनछुए

पूर्णता को
छिपाते
यादो को
मिटाते

अपूर्णता को
पूरा करते
ख्वाहिशो को
हाँकते

उधड़ो को
पूर्णता पर
ख्वाहिशो को
रिश्तो पर

संदेह करते देखा है, मैंने ।

फटे कपड़े

कुछ उधड़े से
अनबुने
कुछ रिश्तो से
अनछुए

पूर्णता को
छिपाते
यादो को
मिटाते

अपूर्णता को
पूरा करते
ख्वाहिशो को
हाँकते

उधड़ो को
पूर्णता पर
ख्वाहिशो को
रिश्तो पर

संदेह करते देखा है, मैंने ।

Wednesday 5 December 2018

आकांक्षा

आकांक्षा
या कोई इच्छा
खुशी का कारण
या दुख का कारण ।

समय से परे
स्वार्थ से परे
आजादी के साथ
मन की अपनी आवाज

बनती ही रहती है
सब सुनती ही रहती है
अपनी धुन में चलती ही रहती है
और मंजिल हमारी चुनती है

ना शुरुआत की कोई वजह थी
ना ही अन्त का कोई कारण है
हमारे साथ थी
और साथ है ।

आकांक्षा

आकांक्षा
या कोई इच्छा
खुशी का कारण
या दुख का कारण ।

समय से परे
स्वार्थ से परे
आजादी के साथ
मन की अपनी आवाज

बनती ही रहती है
सब सुनती ही रहती है
अपनी धुन में चलती ही रहती है
और मंजिल हमारी चुनती है

ना शुरुआत की कोई वजह थी
ना ही अन्त का कोई कारण है
हमारे साथ थी
और साथ है ।