कोमल स्पर्श
नाजुक मर्म
चेतन मन
शांत तन
बंधन मुक्त
शाश्वत
पहचान
बेनाम
कमजोर नही
मजबूत है
व्यक्ति नही
व्यक्तित्व है
सुख-दुःख , दर्द-राहत
कहानी है सापेक्ष की
किस्सा नही
अभिव्यक्ति हूँ , मेरे विचारो की ।
कोमल स्पर्श
नाजुक मर्म
चेतन मन
शांत तन
बंधन मुक्त
शाश्वत
पहचान
बेनाम
कमजोर नही
मजबूत है
व्यक्ति नही
व्यक्तित्व है
सुख-दुःख , दर्द-राहत
कहानी है सापेक्ष की
किस्सा नही
अभिव्यक्ति हूँ , मेरे विचारो की ।
कोमल स्पर्श
नाजुक मर्म
चेतन मन
शांत तन
बंधन मुक्त
शाश्वत
पहचान
बेनाम
कमजोर नही
मजबूत है
व्यक्ति नही
व्यक्तित्व है
सुख-दुःख , दर्द-राहत
कहानी है सापेक्ष की
किस्सा नही
अभिव्यक्ति हूँ , मेरे विचारो की ।
तेरे हिस्से की कहानियाँ
तेरे हिस्से की नजदीकियां
और मेरी नादानीया
कहानी है मेरी
जो कभी खूब बुना था
खूब रंगा था
तेरे हिस्से का रंग
ये ढंग है मेरा
कुछ उलझने
कुछ शिकायते
जो बाकी थी
वो वजह है साथ की
जो हिस्सा है तेरा या मेरा
जो किस्सा है मेरा या तेरा
लिए चलते है साथ
ना तेरा ना मेरा
बस ये कहानी बयाँ किए चलते है ।
तेरे हिस्से की कहानियाँ
तेरे हिस्से की नजदीकियां
और मेरी नादानीया
कहानी है मेरी
जो कभी खूब बुना था
खूब रंगा था
तेरे हिस्से का रंग
ये ढंग है मेरा
कुछ उलझने
कुछ शिकायते
जो बाकी थी
वो वजह है साथ की
जो हिस्सा है तेरा या मेरा
जो किस्सा है मेरा या तेरा
लिए चलते है साथ
ना तेरा ना मेरा
बस ये कहानी बयाँ किए चलते है ।