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Saturday 22 April 2017

लगाम

जीवित जग
जीवन
जीने का ढंग
ज़िंदगी

ढंग
आज पहचान बेढंगी
आज ये होता
यादें होती

ये जुड़ी होती
बस यही ज़िंदगी होती
पर अहसास भविष्य मे नहीं होता
ये सिर्फ़ आज से वास्ता रखता

मन आसमान छूता
आत्मा सयंम रखती
इंद्रियाँ परमात्मा का अहसास कराती
ब्रह्मांड शून्य होता

तब , शायद लमाम होती
आज़ादी की ज़रूरत नहीं
हमारी सोच आज़ाद होती
ज़िंदगी हमारे साथ होती ।

लगाम

जीवित जग
जीवन
जीने का ढंग
ज़िंदगी

ढंग
आज पहचान बेढंगी
आज ये होता
यादें होती

ये जुड़ी होती
बस यही ज़िंदगी होती
पर अहसास भविष्य मे नहीं होता
ये सिर्फ़ आज से वास्ता रखता

मन आसमान छूता
आत्मा सयंम रखती
इंद्रियाँ परमात्मा का अहसास कराती
ब्रह्मांड शून्य होता

तब , शायद लमाम होती
आज़ादी की ज़रूरत नहीं
हमारी सोच आज़ाद होती
ज़िंदगी हमारे साथ होती ।

Friday 14 April 2017

प्रमाण

तुझ में कुछ हैं
हाँ तुझे लगता हैं
तभी तो तू आज नहीं हैं
क्योंकि तू कल होने का दावा करता हैं

हाँ तुझे होना चाहिए
तो तुझे आज होने का प्रमाण दिखाना चाहिए
ताकि कल तू हो
तो आज तेरा सबूत हो

तू चाहता है तुझे देखे दुनिया सारी
तो पहले देख , कैसी है दुनिया सारी
क्योंकि जब कल तू होगा
तो आज तेरा स्तंभ होगा

तुझे होना चाहिए
हाँ , तभी तेरा विश्वास चाहिए
क्योंकि वाकई , तुझ में कुछ हैं
यही प्रमाण हैं ।

प्रमाण

तुझ में कुछ हैं
हाँ तुझे लगता हैं
तभी तो तू आज नहीं हैं
क्योंकि तू कल होने का दावा करता हैं

हाँ तुझे होना चाहिए
तो तुझे आज होने का प्रमाण दिखाना चाहिए
ताकि कल तू हो
तो आज तेरा सबूत हो

तू चाहता है तुझे देखे दुनिया सारी
तो पहले देख , कैसी है दुनिया सारी
क्योंकि जब कल तू होगा
तो आज तेरा स्तंभ होगा

तुझे होना चाहिए
हाँ , तभी तेरा विश्वास चाहिए
क्योंकि वाकई , तुझ में कुछ हैं
यही प्रमाण हैं ।

Friday 7 April 2017

ज़िंदगी

अहसास है
ज़िंदगी
आवाज़ है
ज़िंदगी
यादों की महफ़िल है
ज़िंदगी
तो कहीं दूर कोने मे छिपी रोशनी है
ज़िंदगी

बुझ जाएगा दिया , इस जीवन का , तब बनेगी इतिहास
ज़िंदगी 
जब मिट जाएगा नाम तेरा ,तब बनेगी वजूद
ज़िंदगी
जब यादें भी हो जाएगी , धुंधली तो बनेगी आदर्श
ज़िंदगी

जब फिर बीज बोया जाएगा जीवन का , तो बनेगी धड़कन
ज़िंदगी ।

                              ***

ज़िंदगी

अहसास है
ज़िंदगी
आवाज़ है
ज़िंदगी
यादों की महफ़िल है
ज़िंदगी
तो कहीं दूर कोने मे छिपी रोशनी है
ज़िंदगी

बुझ जाएगा दिया , इस जीवन का , तब बनेगी इतिहास
ज़िंदगी 
जब मिट जाएगा नाम तेरा ,तब बनेगी वजूद
ज़िंदगी
जब यादें भी हो जाएगी , धुंधली तो बनेगी आदर्श
ज़िंदगी

जब फिर बीज बोया जाएगा जीवन का , तो बनेगी धड़कन
ज़िंदगी ।

                              ***

Saturday 1 April 2017

ख्वाब

क्यों ना
फिर गुनगुनाते हैं
क्यों ना
फिर , खुद को भुलाते हैं

क्यों ना
फिर से यादों को सजाते हैं
क्यों ना
फिर , एक हो जाते हैं

इस बार
सब भूल जाएँगे
इस बार
खुद को नही ढूँढ़गें

इस बार
हम समझेंगे नहीं
इस बार
खुद को तुम में ढाल लेंगे

इस बार
मैं , मैं नहीं
क्यों ना
फिर गले लगते हैं ।

ख्वाब

क्यों ना
फिर गुनगुनाते हैं
क्यों ना
फिर , खुद को भुलाते हैं

क्यों ना
फिर से यादों को सजाते हैं
क्यों ना
फिर , एक हो जाते हैं

इस बार
सब भूल जाएँगे
इस बार
खुद को नही ढूँढ़गें

इस बार
हम समझेंगे नहीं
इस बार
खुद को तुम में ढाल लेंगे

इस बार
मैं , मैं नहीं
क्यों ना
फिर गले लगते हैं ।