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Tuesday 29 November 2016

अहसास

अंधेरा
या अहसास उजाले का
निर्दयता
या अहसास दयालुता का

विडंबना हैं
मेरे तंत्र की
सहमति हैं
मेरे तंत्रो की

मैं जिस से बना हूँ
ये तत्व वो हैं
जो मेरा ढंग , मेरा रुप हैं
ये प्रत्यक्ष नहीं, अप्रत्यक्ष हैं

मैं जो हूँ
इन्हीं की वजह से हूँ
यही प्रमाण हैं
मुझ मैं इन्हीं का स्वरूप झलकता हैं

मैं अग्नि हूँ
तो मुझे ल का अहसास होना चाहिए
मैं भूमि हूँ
तो आकाश का   अहसास भी होना चाहिए

अहसास

अंधेरा
या अहसास उजाले का
निर्दयता
या अहसास दयालुता का

विडंबना हैं
मेरे तंत्र की
सहमति हैं
मेरे तंत्रो की

मैं जिस से बना हूँ
ये तत्व वो हैं
जो मेरा ढंग , मेरा रुप हैं
ये प्रत्यक्ष नहीं, अप्रत्यक्ष हैं

मैं जो हूँ
इन्हीं की वजह से हूँ
यही प्रमाण हैं
मुझ मैं इन्हीं का स्वरूप झलकता हैं

मैं अग्नि हूँ
तो मुझे ल का अहसास होना चाहिए
मैं भूमि हूँ
तो आकाश का   अहसास भी होना चाहिए

Thursday 24 November 2016

विचार

आसार हैं
हमारे जीवन के
रंग हैं
हमारे मौसम के

ये क्षणिक हैं
पर प्रभावमयी हैं
ये कोई पहलू नहीं हैं
पर ये उसका कारण हैं

ये मंच की कहानी नहीं हैं
पर ये वो दृश्य हैं
जिनसे कहानी बनती हैं
और मंच, रंगमंच बनता हैं

ये मात्र कारण हैं
हमारे जीवन के
पर ये वो कारण हैं
जो ज़िंदगी हैं, जीवन का ।

विचार

आसार हैं
हमारे जीवन के
रंग हैं
हमारे मौसम के

ये क्षणिक हैं
पर प्रभावमयी हैं
ये कोई पहलू नहीं हैं
पर ये उसका कारण हैं

ये मंच की कहानी नहीं हैं
पर ये वो दृश्य हैं
जिनसे कहानी बनती हैं
और मंच, रंगमंच बनता हैं

ये मात्र कारण हैं
हमारे जीवन के
पर ये वो कारण हैं
जो ज़िंदगी हैं, जीवन का ।

Saturday 19 November 2016

Love you ज़िंदगी

मैं बतलाऊँगा
मैं हर बात समझाऊँगा
पर फ़र्क़ नहीं
मैं सिर्फ़ सच की ताक़त दिखाऊँगा

उसका अन्त नहीं
वो अन्नत हैं
उसे परवाह नहीं
वो बेपरवाह हैं

वो बेखौफ हैं
वो निस्वार्थ हैं
क्योंकि वो हैं
ये बस उसका रूप हैं

जब उससे मिलोगे
जरूरत नहीं होगी
कोई रीति अपनाने की
कोई रिवाज़ समझने की

खुद को उसमें पाओगे
जब कुछ जानना चाहोगे
निश्चिंत हो जाओगे
जब उसका साथ पाओगे

वो तुमसे बड़ी नहीं हैं
पर तुम उसमें समा जाओगे
जब तुम उससे जुड़ना चाहोगे
और हाँ , वो कोई अन्त नहीं हैं

खुद को कभी देखने की इच्छा न करना
बस जानने की कोशिश करना
क्योंकि ये क्षणिक हैं
और मोह बड़ा ताक़तवर हैं

डूबने की कोशिश में
नहीं रहना कभी सपनों में
जो हो बड़े बनने के
क्योंकि यहाँ भाव हैं , सिर्फ़ गहराई के

वो बनाएगी
पर तुझे नहीं
तेरे विचारों को
क्योंकि तू सिर्फ़ एक 'पहर ' हैं

मेरा वादा हैं आपसे
वो जरूर होगा आपमें
अगर डुबोगे
गहराई में

कोई शर्त नहीं हैं
कोई मंज़िल नहीं हैं
सिर्फ़ साथ हैं सच्चाई का
और भाव हैं उसमें डूब जाने का ।

Love you ज़िंदगी

मैं बतलाऊँगा
मैं हर बात समझाऊँगा
पर फ़र्क़ नहीं
मैं सिर्फ़ सच की ताक़त दिखाऊँगा

उसका अन्त नहीं
वो अन्नत हैं
उसे परवाह नहीं
वो बेपरवाह हैं

वो बेखौफ हैं
वो निस्वार्थ हैं
क्योंकि वो हैं
ये बस उसका रूप हैं

जब उससे मिलोगे
जरूरत नहीं होगी
कोई रीति अपनाने की
कोई रिवाज़ समझने की

खुद को उसमें पाओगे
जब कुछ जानना चाहोगे
निश्चिंत हो जाओगे
जब उसका साथ पाओगे

वो तुमसे बड़ी नहीं हैं
पर तुम उसमें समा जाओगे
जब तुम उससे जुड़ना चाहोगे
और हाँ , वो कोई अन्त नहीं हैं

खुद को कभी देखने की इच्छा न करना
बस जानने की कोशिश करना
क्योंकि ये क्षणिक हैं
और मोह बड़ा ताक़तवर हैं

डूबने की कोशिश में
नहीं रहना कभी सपनों में
जो हो बड़े बनने के
क्योंकि यहाँ भाव हैं , सिर्फ़ गहराई के

वो बनाएगी
पर तुझे नहीं
तेरे विचारों को
क्योंकि तू सिर्फ़ एक 'पहर ' हैं

मेरा वादा हैं आपसे
वो जरूर होगा आपमें
अगर डुबोगे
गहराई में

कोई शर्त नहीं हैं
कोई मंज़िल नहीं हैं
सिर्फ़ साथ हैं सच्चाई का
और भाव हैं उसमें डूब जाने का ।

Monday 14 November 2016

शुरुआत

मैं बेखौफ हूँ
मैं निडर हूँ
मैं बेबाक हूँ
क्योंकि आज किसी का साथ हैं

ये मेरे विचार थे
ये मेरा रूप था
जब मैं मेरे अनुरूप था
दुनिया की कहानी सिर्फ़ क़िस्से थे

आज फिर से उस आग ने
खुद को ज़िंदा पाया हैं
जिसने
मुझे बनाया हैं

मैं परवाह करता हूँ
उस रिश्ते की
उन भावों की
जिन्होंने उनको बनाया हैं

क्योंकि उन्हीं की वजह से
मैं उनके साथ हूँ
मैं गर्व से कहता हूँ
मैं हमारे प्रधान मंत्री नरेन्र्द मोदी के साथ हूँ ।

शुरुआत

मैं बेखौफ हूँ
मैं निडर हूँ
मैं बेबाक हूँ
क्योंकि आज किसी का साथ हैं

ये मेरे विचार थे
ये मेरा रूप था
जब मैं मेरे अनुरूप था
दुनिया की कहानी सिर्फ़ क़िस्से थे

आज फिर से उस आग ने
खुद को ज़िंदा पाया हैं
जिसने
मुझे बनाया हैं

मैं परवाह करता हूँ
उस रिश्ते की
उन भावों की
जिन्होंने उनको बनाया हैं

क्योंकि उन्हीं की वजह से
मैं उनके साथ हूँ
मैं गर्व से कहता हूँ
मैं हमारे प्रधान मंत्री नरेन्र्द मोदी के साथ हूँ ।

Friday 11 November 2016

कल्पना

शुरुआत हैं
कुछ होने की
तरक्की हैं
मानव जाति की

परिपक्व होगी
जब कोशिश होगी
बीज अंकुरित होगा
जब कर्म सार्थक होगा

ये नाम नहीं पूछती
ये कौम नहीं पूछती
ये काम नहीं जानती
ये सिर्फ़ सोच जानती।

जैसी होगी
वैसा ही बना देगी
सब कुछ देगी
और भविष्य बना देगी ।

कल्पना

शुरुआत हैं
कुछ होने की
तरक्की हैं
मानव जाति की

परिपक्व होगी
जब कोशिश होगी
बीज अंकुरित होगा
जब कर्म सार्थक होगा

ये नाम नहीं पूछती
ये कौम नहीं पूछती
ये काम नहीं जानती
ये सिर्फ़ सोच जानती।

जैसी होगी
वैसा ही बना देगी
सब कुछ देगी
और भविष्य बना देगी ।

Monday 7 November 2016

प्रभाव

ये हमारा स्वरुप हैं
समाज के प्रति
या समाज का रुप हैं
हमारे प्रति

हम जैसे हैं
समाज भी वैसा हैं
ये सिर्फ़ घेराव हैं
हमारे विचारों का

हम माघ्यम हैं
विचारों के
एक अंश भर हैं
समाज के

हम बुनकर नहीं हैं
हम सिर्फ़ कपास हैं
ये मेरा प्रभाव नहीं हैं
ये हमारा हैं

प्रभाव

ये हमारा स्वरुप हैं
समाज के प्रति
या समाज का रुप हैं
हमारे प्रति

हम जैसे हैं
समाज भी वैसा हैं
ये सिर्फ़ घेराव हैं
हमारे विचारों का

हम माघ्यम हैं
विचारों के
एक अंश भर हैं
समाज के

हम बुनकर नहीं हैं
हम सिर्फ़ कपास हैं
ये मेरा प्रभाव नहीं हैं
ये हमारा हैं

Thursday 3 November 2016

पारदर्शीता

जीवन की पटरी पर
ज़िंदगी के वक्त पर
जो फ़र्क़ पड़ता हैं समझ पर
वही लगता हैं सोच पर।

जैसा रंग रंगोगे सोच पर
वैसा ढंग दिखेगा व्यवहार पर
वही लगेगा ज़िंदगी पर
यही होगा जीवन के परदे पर।

कुछ सितारे होगें
तो कुछ दब्बे होगें
जो अपनी छटा बिखेर रहें होगें
उन्हें हम ही दिखा रहें होगें ।

कुछ होगा ऐसा
जो नहीं होना चाहिए वैसा
पर कुछ तो होगा ही ऐसा
जो होना चाहिए वैसा।

पारदर्शीता

जीवन की पटरी पर
ज़िंदगी के वक्त पर
जो फ़र्क़ पड़ता हैं समझ पर
वही लगता हैं सोच पर।

जैसा रंग रंगोगे सोच पर
वैसा ढंग दिखेगा व्यवहार पर
वही लगेगा ज़िंदगी पर
यही होगा जीवन के परदे पर।

कुछ सितारे होगें
तो कुछ दब्बे होगें
जो अपनी छटा बिखेर रहें होगें
उन्हें हम ही दिखा रहें होगें ।

कुछ होगा ऐसा
जो नहीं होना चाहिए वैसा
पर कुछ तो होगा ही ऐसा
जो होना चाहिए वैसा।