जीवन की पटरी पर
ज़िंदगी के वक्त पर
जो फ़र्क़ पड़ता हैं समझ पर
वही लगता हैं सोच पर।
जैसा रंग रंगोगे सोच पर
वैसा ढंग दिखेगा व्यवहार पर
वही लगेगा ज़िंदगी पर
यही होगा जीवन के परदे पर।
कुछ सितारे होगें
तो कुछ दब्बे होगें
जो अपनी छटा बिखेर रहें होगें
उन्हें हम ही दिखा रहें होगें ।
कुछ होगा ऐसा
जो नहीं होना चाहिए वैसा
पर कुछ तो होगा ही ऐसा
जो होना चाहिए वैसा।
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