अंधेरा
या अहसास उजाले का
निर्दयता
या अहसास दयालुता का
विडंबना हैं
मेरे तंत्र की
सहमति हैं
मेरे तंत्रो की
मैं जिस से बना हूँ
ये तत्व वो हैं
जो मेरा ढंग , मेरा रुप हैं
ये प्रत्यक्ष नहीं, अप्रत्यक्ष हैं
मैं जो हूँ
इन्हीं की वजह से हूँ
यही प्रमाण हैं
मुझ मैं इन्हीं का स्वरूप झलकता हैं
मैं अग्नि हूँ
तो मुझे जल का अहसास होना चाहिए
मैं भूमि हूँ
तो आकाश का अहसास भी होना चाहिए
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