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Tuesday 29 November 2016

अहसास

अंधेरा
या अहसास उजाले का
निर्दयता
या अहसास दयालुता का

विडंबना हैं
मेरे तंत्र की
सहमति हैं
मेरे तंत्रो की

मैं जिस से बना हूँ
ये तत्व वो हैं
जो मेरा ढंग , मेरा रुप हैं
ये प्रत्यक्ष नहीं, अप्रत्यक्ष हैं

मैं जो हूँ
इन्हीं की वजह से हूँ
यही प्रमाण हैं
मुझ मैं इन्हीं का स्वरूप झलकता हैं

मैं अग्नि हूँ
तो मुझे ल का अहसास होना चाहिए
मैं भूमि हूँ
तो आकाश का   अहसास भी होना चाहिए

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