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Saturday 25 March 2017

मुझसे,मुझ तक

अधूरी बाते
अधूरी यादें
तेरे संग
मेरे रंग

समय से परे
पाबंदीयो से दूर
मिलना चाहता हूँ
तुम से कुछ कहना चाहता हूँ

मुश्किलों के बीच
सपनों को सिच
कुछ करना चाहता हूँ
तुमसे कुछ सुनना चाहता हूँ

तुमसे मिलने की बात
तुझ तक पहुँच जाती है
हर बार , ये बात
मुझे मुझसे मिला जाती है

मुझसे,मुझ तक

अधूरी बाते
अधूरी यादें
तेरे संग
मेरे रंग

समय से परे
पाबंदीयो से दूर
मिलना चाहता हूँ
तुम से कुछ कहना चाहता हूँ

मुश्किलों के बीच
सपनों को सिच
कुछ करना चाहता हूँ
तुमसे कुछ सुनना चाहता हूँ

तुमसे मिलने की बात
तुझ तक पहुँच जाती है
हर बार , ये बात
मुझे मुझसे मिला जाती है

Saturday 18 March 2017

मन

तुम ही तो कहते थे
तुम ही अहसास कराते थे
हम दोनो साथ है
एक ही आवाज़ है

शपथ कुछ ऐसी थी
जो दुनिया से परे थी
क्योंकि वो हम दोनो की बात थी
वो कुछ ऐसी थी
होने का प्रमाण देकर , जब बात आगे बढ़ती थी
तो कुछ अहसास कराती थी

ज़िंदा थी
ज़िंदगी क्योंकि यही हमारे साथ थी
वो सुनती थी
पर सुनाई नहीं देती थी
क्योंकि वो अहसास कराती थी

एक समय ऐसा था
जब सबको अहसास कराती थी
पर आज चुपचाप हमारे साथ थी
क्योंकि आज उसकी आवाज़ उसके साथ नहीं थी
वो दुनिया से ओझल हो चुकी थी
पर अब भी हमारी आँखों मे थी

उसकी बात कुछ ऐसी थी
जो बिन मुस्कुराए , ख़ुशी का अहसास कराती थी
जो न होकर भी मनु का अस्तित्व थी

कुछ ऐसा ही होता था
रोज़ , जब वो मुझे बताता था
ये मेरा मन ही था
जो उसके होने का अहसास कराता था ।

मन

तुम ही तो कहते थे
तुम ही अहसास कराते थे
हम दोनो साथ है
एक ही आवाज़ है

शपथ कुछ ऐसी थी
जो दुनिया से परे थी
क्योंकि वो हम दोनो की बात थी
वो कुछ ऐसी थी
होने का प्रमाण देकर , जब बात आगे बढ़ती थी
तो कुछ अहसास कराती थी

ज़िंदा थी
ज़िंदगी क्योंकि यही हमारे साथ थी
वो सुनती थी
पर सुनाई नहीं देती थी
क्योंकि वो अहसास कराती थी

एक समय ऐसा था
जब सबको अहसास कराती थी
पर आज चुपचाप हमारे साथ थी
क्योंकि आज उसकी आवाज़ उसके साथ नहीं थी
वो दुनिया से ओझल हो चुकी थी
पर अब भी हमारी आँखों मे थी

उसकी बात कुछ ऐसी थी
जो बिन मुस्कुराए , ख़ुशी का अहसास कराती थी
जो न होकर भी मनु का अस्तित्व थी

कुछ ऐसा ही होता था
रोज़ , जब वो मुझे बताता था
ये मेरा मन ही था
जो उसके होने का अहसास कराता था ।

Sunday 12 March 2017

सन्नाटा

सन्नाटा
एक शब्द अटपटा
कभी घेर लेता ये
तो कभी ओझल हो जाता ये

कुछ राहे दर्शाती
कभी बीच मे घिर जाती
कभी होने का अहसास कराता
तो कभी माँगने को दिल करता

कभी वक्त से ज़्यादा क़ीमत बताता अपनी
तो कभी ज़रूरत महसूस कराता अपनी
कभी ख़ुशी मे
तो कभी दुःख मे
अपना मूल्य जताता
तो कभी अपनी विशेषता बताता

कभी कमज़ोरी बनता
तो कभी मजबूरी बनता
एक तरफ़ ख़ुशी का इजहार करता
तो दूसरी तरफ़ यादों का दौरा करता

कभी जोड़ता
तो कभी तोड़ता
कभी खुद से
तो कभी मंज़िल से ।

सन्नाटा

सन्नाटा
एक शब्द अटपटा
कभी घेर लेता ये
तो कभी ओझल हो जाता ये

कुछ राहे दर्शाती
कभी बीच मे घिर जाती
कभी होने का अहसास कराता
तो कभी माँगने को दिल करता

कभी वक्त से ज़्यादा क़ीमत बताता अपनी
तो कभी ज़रूरत महसूस कराता अपनी
कभी ख़ुशी मे
तो कभी दुःख मे
अपना मूल्य जताता
तो कभी अपनी विशेषता बताता

कभी कमज़ोरी बनता
तो कभी मजबूरी बनता
एक तरफ़ ख़ुशी का इजहार करता
तो दूसरी तरफ़ यादों का दौरा करता

कभी जोड़ता
तो कभी तोड़ता
कभी खुद से
तो कभी मंज़िल से ।

Tuesday 7 March 2017

आत्मलिंगन

साथ तेरा था
तभी तो सपना मेरा था
उसे पूरा होना था
यही तो विचार हमारा था

कुछ बंदिशे थी
तो कही कौशिश अधूरी थी
मेहनत थी
कि दिलासा दिला रही थी

लगता था
आज मेरा था
पर दिन ढ़ल चुका था
यही सच था

बाकी बची हमारी सोच थी
यही अहसास करा रही थी
कि कुछ मुश्किलें थी
जो आड़े आ रही थी

सच था
जो हमारे सामने था
यही सच्चाई थी
क्योकि अब जीत की बारी थी ।

आत्मलिंगन

साथ तेरा था
तभी तो सपना मेरा था
उसे पूरा होना था
यही तो विचार हमारा था

कुछ बंदिशे थी
तो कही कौशिश अधूरी थी
मेहनत थी
कि दिलासा दिला रही थी

लगता था
आज मेरा था
पर दिन ढ़ल चुका था
यही सच था

बाकी बची हमारी सोच थी
यही अहसास करा रही थी
कि कुछ मुश्किलें थी
जो आड़े आ रही थी

सच था
जो हमारे सामने था
यही सच्चाई थी
क्योकि अब जीत की बारी थी ।

Wednesday 1 March 2017

चलते - चलते

पथ
जिस पर हैं रथ
पहचान
महज शाब्दिक ज्ञान

प्यार का कोई रूप नही होता
मंज़िल का कोई रास्ता नही होता
ये हमारी बनाई हुई वजह हैं
जिनसे हमारा कोई वास्ता नही होता
चन्द अलफाज , विचार नही होते
ये विचारों तक पहुँचने जरिया होते हैं

ज़िंदगी का कोई नाम नही होता
ये तो बहाना हैं , इसे मिटाने का ।

चलते - चलते

पथ
जिस पर हैं रथ
पहचान
महज शाब्दिक ज्ञान

प्यार का कोई रूप नही होता
मंज़िल का कोई रास्ता नही होता
ये हमारी बनाई हुई वजह हैं
जिनसे हमारा कोई वास्ता नही होता
चन्द अलफाज , विचार नही होते
ये विचारों तक पहुँचने जरिया होते हैं

ज़िंदगी का कोई नाम नही होता
ये तो बहाना हैं , इसे मिटाने का ।