सन्नाटा
एक शब्द अटपटा
कभी घेर लेता ये
तो कभी ओझल हो जाता ये
कुछ राहे दर्शाती
कभी बीच मे घिर जाती
कभी होने का अहसास कराता
तो कभी माँगने को दिल करता
कभी वक्त से ज़्यादा क़ीमत बताता अपनी
तो कभी ज़रूरत महसूस कराता अपनी
कभी ख़ुशी मे
तो कभी दुःख मे
अपना मूल्य जताता
तो कभी अपनी विशेषता बताता
कभी कमज़ोरी बनता
तो कभी मजबूरी बनता
एक तरफ़ ख़ुशी का इजहार करता
तो दूसरी तरफ़ यादों का दौरा करता
कभी जोड़ता
तो कभी तोड़ता
कभी खुद से
तो कभी मंज़िल से ।
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