My Blog List

Sunday 12 March 2017

सन्नाटा

सन्नाटा
एक शब्द अटपटा
कभी घेर लेता ये
तो कभी ओझल हो जाता ये

कुछ राहे दर्शाती
कभी बीच मे घिर जाती
कभी होने का अहसास कराता
तो कभी माँगने को दिल करता

कभी वक्त से ज़्यादा क़ीमत बताता अपनी
तो कभी ज़रूरत महसूस कराता अपनी
कभी ख़ुशी मे
तो कभी दुःख मे
अपना मूल्य जताता
तो कभी अपनी विशेषता बताता

कभी कमज़ोरी बनता
तो कभी मजबूरी बनता
एक तरफ़ ख़ुशी का इजहार करता
तो दूसरी तरफ़ यादों का दौरा करता

कभी जोड़ता
तो कभी तोड़ता
कभी खुद से
तो कभी मंज़िल से ।

No comments:

Post a Comment