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Thursday 29 September 2016

एक दोस्त

अंधेरा पसरा
डर हुआ गहरा
अब नहीं रहा
उजाले का पहरा

ये था
या अहसास था
उजाले का
या उसके साथ का

एक आहट थी
एक आवाज़ थी
जो साथ थी
अब एक याद हैं

एक रिश्ता था
सच्चा था
अब नहीं हैं
उसका सिर्फ़ अहसास हैं

ये तो एक बहाना हैं
तुझे तो जगाना हैं
नींद से नहीं
सपनों से बाहर लाना हैं

एक दोस्त

अंधेरा पसरा
डर हुआ गहरा
अब नहीं रहा
उजाले का पहरा

ये था
या अहसास था
उजाले का
या उसके साथ का

एक आहट थी
एक आवाज़ थी
जो साथ थी
अब एक याद हैं

एक रिश्ता था
सच्चा था
अब नहीं हैं
उसका सिर्फ़ अहसास हैं

ये तो एक बहाना हैं
तुझे तो जगाना हैं
नींद से नहीं
सपनों से बाहर लाना हैं

Saturday 24 September 2016

सच्चाई

वो खड़ी हैं तेरे सामने
फिर भी दूरबीन लगाई तूने सामने
वो कर दिखाने का साहस दिखाती हैं
तू देखने का प्रमाण देता हैं ।
वो हैं
पर तू उसे अनजान बना रहा हैं
वो अपना फ़र्ज़ निभा रही हैं
पर अब भी तू कर्तव्य से दूर हैं
वो बेखौफ तेरे सामने खड़ी हैं
पर हैवानियत अब भी तुझे बड़ी लग रही हैं
वो बेबस हैं
पर तू बेपरवाह हैं
वो होने का प्रमाण देती हैं
पर अब भी तू उसे न होने का कारण बता रहा हैं ।

माना कि तेरी भी कुछ मजबूरीयाँ रही होगी ।
पर सब कुछ होते हुए भी। कुछ न कर पाने वाली ज़िंदगी
कैसे जी रही होगी ।

सच्चाई

वो खड़ी हैं तेरे सामने
फिर भी दूरबीन लगाई तूने सामने
वो कर दिखाने का साहस दिखाती हैं
तू देखने का प्रमाण देता हैं ।
वो हैं
पर तू उसे अनजान बना रहा हैं
वो अपना फ़र्ज़ निभा रही हैं
पर अब भी तू कर्तव्य से दूर हैं
वो बेखौफ तेरे सामने खड़ी हैं
पर हैवानियत अब भी तुझे बड़ी लग रही हैं
वो बेबस हैं
पर तू बेपरवाह हैं
वो होने का प्रमाण देती हैं
पर अब भी तू उसे न होने का कारण बता रहा हैं ।

माना कि तेरी भी कुछ मजबूरीयाँ रही होगी ।
पर सब कुछ होते हुए भी। कुछ न कर पाने वाली ज़िंदगी
कैसे जी रही होगी ।

Monday 19 September 2016

साथ

मैं छूट गया
मुझसे
मैंने ख़ुशियाँ छीन ली
मुझसे

साथ जीने की आरज़ू
उस कोने की गुफ्तगू
क़ैद हो गई
मुझमें

राज़ था उनका
मुझपे
अब राज़ हैं उनका
मुझमें

ख्वाहिश
अब मुझमें नहीं
दर्द
अब मुझसे नहीं

साथ

मैं छूट गया
मुझसे
मैंने ख़ुशियाँ छीन ली
मुझसे

साथ जीने की आरज़ू
उस कोने की गुफ्तगू
क़ैद हो गई
मुझमें

राज़ था उनका
मुझपे
अब राज़ हैं उनका
मुझमें

ख्वाहिश
अब मुझमें नहीं
दर्द
अब मुझसे नहीं

Wednesday 14 September 2016

आत्मविश्वास

समझा नहीं
कुछ पल बचे हैं
जो जीना चाहते हैं
वो अब भी तेरे साथ हैं

तूने तो भूला दिए
सपने तेरे
जो हुआ करते थे अपने तेरे
अब भी बाकी बचे है , जो हैं तेरे

क्यों लड़खड़ाया तू
क्या जीना भूल गया तू
अब भी बाकी बची है , जिंदगी तेरी
जो देख रही राह टकटकी लगाए तेरी

क्यों छोड़ दिया तूने
विश्वास तेरा
क्या यही था परिचय तेरा
अब भी बाकी बचा है विश्वास तेरा

क्यों अडा है ज़िद पे तू
क्यों कहता है नहीं है तू
क्यों कहता है छोड़ दिया तूने सब तेरा
समझा नहीं , यही तो है विश्वास तेरा

आत्मविश्वास

समझा नहीं
कुछ पल बचे हैं
जो जीना चाहते हैं
वो अब भी तेरे साथ हैं

तूने तो भूला दिए
सपने तेरे
जो हुआ करते थे अपने तेरे
अब भी बाकी बचे है , जो हैं तेरे

क्यों लड़खड़ाया तू
क्या जीना भूल गया तू
अब भी बाकी बची है , जिंदगी तेरी
जो देख रही राह टकटकी लगाए तेरी

क्यों छोड़ दिया तूने
विश्वास तेरा
क्या यही था परिचय तेरा
अब भी बाकी बचा है विश्वास तेरा

क्यों अडा है ज़िद पे तू
क्यों कहता है नहीं है तू
क्यों कहता है छोड़ दिया तूने सब तेरा
समझा नहीं , यही तो है विश्वास तेरा

Thursday 8 September 2016

रास्ता ( way )

पथ
जिस पर हैं रथ
पहचान
महज शाब्दिक  ज्ञान ।

प्यार का कोई रुप नहीं होता
मंज़िल का कोई रास्ता नहीं होता
ये तो हमारी बनाई हुई वजह हैं
जिनसे हमारा कोई वास्ता नहीं होता
चन्द अल्फाजं , विचार नहीं होते
ये तों विचारो तक पहुँचने का जरिया होते हैं
जिन्दगी का कोई नाम नहीं होता
ये तो बहाना हैं
इसे मिटानें का ।

रास्ता ( way )

पथ
जिस पर हैं रथ
पहचान
महज शाब्दिक  ज्ञान ।

प्यार का कोई रुप नहीं होता
मंज़िल का कोई रास्ता नहीं होता
ये तो हमारी बनाई हुई वजह हैं
जिनसे हमारा कोई वास्ता नहीं होता
चन्द अल्फाजं , विचार नहीं होते
ये तों विचारो तक पहुँचने का जरिया होते हैं
जिन्दगी का कोई नाम नहीं होता
ये तो बहाना हैं
इसे मिटानें का ।

Friday 2 September 2016

अहसास

अहसास
हो तो सही
चाहें बुरा ही सही
पर हो तो सही ।

कुछ होगा
तभी तो होगा
अहसास , बाकी
चाहें ना ही सही ।

कुछ ना हो
और ये हो
तो करने को दिल चाहेगा
क्योंकि ये अपनी विशेषता बताएगा ।

ये हो
और कुछ बाकी बचा हो
ये फ़र्ज़ निभाएगा
बाकी जो तू चाहेगा ।

खुद को बनाएगा
जब तू जान जाएगा ।

अहसास

अहसास
हो तो सही
चाहें बुरा ही सही
पर हो तो सही ।

कुछ होगा
तभी तो होगा
अहसास , बाकी
चाहें ना ही सही ।

कुछ ना हो
और ये हो
तो करने को दिल चाहेगा
क्योंकि ये अपनी विशेषता बताएगा ।

ये हो
और कुछ बाकी बचा हो
ये फ़र्ज़ निभाएगा
बाकी जो तू चाहेगा ।

खुद को बनाएगा
जब तू जान जाएगा ।