समझा नहीं
कुछ पल बचे हैं
जो जीना चाहते हैं
वो अब भी तेरे साथ हैं
तूने तो भूला दिए
सपने तेरे
जो हुआ करते थे अपने तेरे
अब भी बाकी बचे है , जो हैं तेरे
क्यों लड़खड़ाया तू
क्या जीना भूल गया तू
अब भी बाकी बची है , जिंदगी तेरी
जो देख रही राह टकटकी लगाए तेरी
क्यों छोड़ दिया तूने
विश्वास तेरा
क्या यही था परिचय तेरा
अब भी बाकी बचा है विश्वास तेरा
क्यों अडा है ज़िद पे तू
क्यों कहता है नहीं है तू
क्यों कहता है छोड़ दिया तूने सब तेरा
समझा नहीं , यही तो है विश्वास तेरा
No comments:
Post a Comment