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Thursday 5 December 2019

शुन्य

मै ख़यालों मे खो गया 
मै बेहोश सा हो गया 
सब सुन्न हो गया 
अब धड़कन भी धुन है 

आवाज मे संजीदगी 
व्यवहार मे सादगी 
इच्छाओ की तृप्ति 
जरूरतो की पूर्ति 

मन की तत्परता 
तन की उदारता 
सब अर्पण की चाह 
और मेरा सम्पूर्ण ब्रह्मांड 

हाँ हो गया , शुन्य ।

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