A view towards innocent life
चलती धरा बहता जीवन जोश से भरा और मेरा मन
इस पल, एक ओर कुछ नया सा मेरी ओर अपना सा
लफ्जो से नजरो से कुछ मेरा सा मेरी ओर
बह जाऊँ बस,तेरी ओर हो जाऊँ बस,तेरा सा
बन जाऊँ मेरा सा तेरे लिए तेरी ओर
No comments:
Post a Comment