इसे लगने दो
इसे प्यासा मरने दो
प्यास की क़ीमत समझने दो
इसे पागल रहने दो
प्यार मंज़िल नहीं
ये राह है
दिल राही नहीं
जरिया है
ये पागल नही करता
ये तो बस रखने का इंतेहान लेता
ये किसी दिल को पाना नहीं चाहता
ये बस उसमें डूबना चाहता
एक झलक पाने को
कितनी मेहनत करता
गले लगाने को
क्यों मरता
ये पागलपंती नहीं है
ये तो उसमें बस जाने की कौशिश है
ये अंत नहीं है
ये हमारा प्यारा घर हैं ।
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