मुझे परवाह हैं
मेरे पागलपन की
और उसके साथ की
जो मुझे रखता ज़िंदा हैं
मेरी परवाह ज़िंदा हैं
क्योंकि बेपरवाही के किसी कोने में
जीवन के सार में
मेरी ज़िंदगी ज़िंदा हैं
मेरी ज़िंदगी ज़िंदा हैं
क्योंकि किसी के भावों में
और मेरे भावनाओं के सागर में
एक रिश्ता ज़िंदा हैं
मेरा पागलपन ज़िंदा हैं
क्योंकि किसी की
परवाह ज़िंदा हैं ।
जो वजह हैं , मेरे ज़िंदा होने की ।
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