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Sunday 23 October 2016

प्रकृति

मैं प्यार हूँ
तेरा
तू  अस्तित्व हैं
मेरा

ख्वाहिशें भरी ज़िंदगी
हैं ,मेरी बंदगी
जरूरतो संग,ज़िंदगी
हैं , मेरी प्रकृति

फिर भी एक ख्वाहिश हैं मेरी
हर साँस हो तेरी
चाहें विपक्ष हो दुनिया सारी
मुझे परवाह नहीं, मेरी

तुझ में बस जाऊँ
ये चाह नहीं
दिली ख्वाहिश हैं ,मेरी
चाहें फिर जुदा हो जाऊँ

ये भविष्य नहीं
पर
विश्वास हैं
मेरा

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