हम जो हैं
वो हमारा स्वरूप है
हम जो आज हैं
वो कल का रूप हैं।
अच्छाई
बुराई
हमारी ही इकाई
जो हमने ही बनाई
हम ग़लत हैं
कहीं ना कहीं
ताकि सच का अहसास हो
अच्छाई का आभास हो
जो गुण हैं हम में
जो अवगुण हैं हम में
वो मात्र रूप नहीं
परिचय हैं हमारा
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